संस्कार विहीन व्यक्तित्व से संस्कार विहीन समाज का जन्म होता हैं।

संस्कार विहीन व्यक्तित्व से संस्कार विहीन समाज का जन्म होता हैं।

संस्कार विहीन व्यक्तित्व से संस्कार विहीन समाज का जन्म होता हैं।
हर विषय में सरकार जिम्मेदार नहीं होती, जनता का भी दायित्व है।

आज देशभर में चहुं ओर महिला सुरक्षा को लेकर न केवल सरकारें गम्भीर हैं।
बल्कि हर घर में अशांति का माहौल है।
आज जितनी ऊंचाई तक महिलाओं ने तरक्की की है, वे घर परिवार की जिम्मेदारियों के साथ साथ अपने परिजनों ओर भारत के गौरव को बढ़ा रही हैं।
वह निसंदेह बेहद गर्व की बात है।
मगर जिस देश की मुखिया राष्ट्रपति एक महिला हो ओर देश की सबसे छोटी इकाई गांव की सरपंच भी महिला हो वहां , महिला शोषण रुक नहीं रहे।
यह बेहद शर्मनाक, चिंतनीय विषय है।
सुरक्षा ओर भारतीय गौरव , इतिहास  सहित कई मुद्दों पर विचार करते हुए हमें महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय पर निष्पक्ष बोलने ,आगे आने की जरूरत है।

जिस देश में हर शब्द में मां का दर्जा है, मां से बड़ा कोई दूसरा नहीं ।
आने वाले दिनों में नवरात्र का समय है, तब से अब तक ,देवी पूजा का महत्व भारत की परम्परा रही है।

परन्तु आज भौतिक युग में महिलाओं के साथ हो रहे असुरक्षित माहौल का कारण क्या है???

वह है संस्कार विहीन लोग, संस्कार विहीन समाज,
आज रिश्तों में शर्म नहीं रही,आदर नहीं रहा, सभ्यता नहीं रही,गरिमा नहीं रही, मनोरंजन से लेकर बात करने की शैली में भी  महिलाओं को अपमानित किया जाता हैं।

बदलते युग की लाभान्वित चीजों से सकारात्मकता में कम नकारात्मकता में ज्यादा प्रभाव देखा जा सकता हैं।
सोशल मीडिया के हर प्लेट फार्म पर देखिए , महिलाओं के सम्मान में बात करें तो ,खुद महिला ही स्त्री जाति का अपमान कर रही हैं।
आप भलीभांति परिचित हैं कि ऐसा कौनसा कृत्य है जो सार्वजनिक नहीं हो रहा, जिससे अपराध ओर अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

यह जो घटना हुई है, यह सच को आइना दिखाने जैसा है।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से हैवानियत की हदें पार करने वाली घटना सामने आई है।
यहां आधा दर्जन बदमाशों ने प्रेमी के सामने युवती को निर्वस्त्र कर उसके साथ छेड़खानी की और उसके बाद क्रूरता से उसे लाठी-डंडों से पीटा।
इतना ही नहीं पूरी घटना का वीडियो बनाकर भी वायरल किया गया।
पुलिस ने वीडियो पर संज्ञान लेते हुए घटना में संलिप्त तीन लोगों को उठा लिया है और अन्य की तलाश जारी है।

आज एक बेटी पर आप मौन है ,कल दूसरी बेटी के साथ अन्याय के बाद रोने के सिवा आप कुछ कर नहीं रहे।
ऐसे मुद्दों पर गम्भीरता से जनता को आगे आना चाहिए।
परिवार से , स्कूल, वहां से एक व्यक्तित्व ,ओर समाज का निर्माण होता है।
वहीं से एक प्रेरणा शुरू होती हैं जो शहर नगर देश का निर्माण करता हैं।
हमें इतिहास में झाकने की जरूरत है।
बेटी किसी की भी हो हमें उनकी सुरक्षा का दायित्व निभाना चाहिए।

जय श्री कृष्णा
जय हिंद


मोटिवेश्नल लेखिका राष्ट्रीय पत्रकार नई दिल्ली

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