नाम के साथ बुद्धिष्ट लगाकर चलने से आप बुद्ध नहीं हो सकते!

नाम के साथ बुद्धिष्ट लगाकर चलने से आप बुद्ध नहीं हो सकते!

बुद्ध होने के लिए आत्म ज्ञान की जरूरत है।
जितना बुद्ध ने पाया उतना जनहित में लौटाया है।
मगर आप अपना आत्म चिंतन नहीं कर रहे।
आप किसी के बने बनाएं रास्ते पर चल रहे हैं।
स्वयं का मार्ग चुनिए
उठिए 
गीरिए
रेंगना पड़े तो भी आगे बढ़िए
ओर परम शक्ति को पहचानिए
जिसका कोई नाम नहीं, धाम नहीं, रंग रूप , सांग नहीं।
बस आप उसे जैसे पाएंगे वैसे अपनाएंगे यह आपकी खोज होगी।

ये पोस्ट सभी उन लोगों को समर्पित है जो भगवान् मानते नहीं, उल्टी सीधी बातें वायरल करते हैं।
लोगों में कुंठा फैलाते हैं।
श्री राम से लेकर श्री कृष्ण तक अपशब्द बोलते हैं।
लगातार चार पाखंडियों की वजह से संपूर्ण धर्म को अपमानित करते हैं।
मगर यह नहीं जानते कि इन सबसे बाहर निकलकर मनुष्य धर्म निभाने की जरूरत है।

आप अपनी दुकान चलाने के लिए किसी का गलत प्रचार न करें।
क्योंकि यह सृष्टि किसी एक की धरोहर नहीं है।
हम सभी इसी धरती के अंश हैं।
विभिन्न जाति धर्म संप्रदाय मजहब पंत में बटकर भी आप में क्या भिन्नता है यह बताइए ???


मनुष्य के बनाए ढोंग विभिन्न है।
लेकिन भगवान् द्वारा बनाए मनुष्य भिन्न नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर एक अनर्गल पोस्ट वायरल हो रही हैं, ऐसी हजारों ऊटपटांग चीजें हैं।
जिनमें एक का सवाल था, कि खुद का दीपक जलाने वाला दूसरों का क्या प्रकाश बनेगा???

जवाब - भगवान् को दीपक जलाने की जरूरत नहीं है।
वह स्वयं संपूर्ण प्रकाश हैं।
हर नकारात्मक बात में अंबेडकर का फोटो लगाकर आप खुद का उनका भी अपमान कर रहे हैं।
यहीं व्यक्ति हैं जिसने मेहनत की आप लोगों को जीवन जीने की राह दी।
अम्बेडकर किताबी ज्ञान से डिग्रियां तो ले पाए मगर आत्मीय ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाए।
आप सभी दलित बन्धुओं का आह्वान करती हूं आज डिग्रियां है आपके पास मगर आत्म ज्ञान अर्जित कीजिए ओर खुद पता कीजिए भगवान् कौन हैं??

दुनिया में नियम मनुष्य ने बनाए हैं भगवान ने नहीं।
आपको कुछ समझ नहीं आए तो यहीं समझ लीजिए अम्बेडकर को बनाने में उनका आत्मबल, परिश्रम, साहस हमेशा साथ था जिसने उन्हें गिरने न दिया।
यहीं वास्तविक भगवान है जिसने अम्बेडकर जैसा दीपक आपको देकर संपूर्ण समाज को प्रकाश मय किया।


पूजा बाथरा
मोटिवेश्नल लेखिका राष्ट्रीय पत्रकार नई दिल्ली

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow