राम

राम की तरह रावण की भी छवि का हनन होने से रोकना होगा! Bollywood Film #Adipurush में सैफ़ अली खान “रावण” का किरदार निभा रहे हैं । लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि बदलते दौर के साथ वास्तविकता के साथ यह कैसा व्यवहार होता है जो किसी भी हकीकत से छेड़छाड़ जैसा है। अर्थ का अनर्थ जैसा है। आप सभी भलीभांति जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में नायक ही नहीं प्रतिनायक की भी एक गरिमा होती है। भारत वर्ष में श्री राम की छवि मर्यादित है तो वहीं छवि रावण की छवि भी प्रकांड ओर विद्वान पंडित शिव भक्त की भी है। बात करे रामायण युद्ध की तो यह युद्ध दो अलग-अलग वैचारिकी का युद्ध था। एक लोक को जीवन की मर्यादाओं की शिक्षा देता है तो दूसरा स्वच्छन्द उपभोग की। एक का मार्ग सामंजस्य, समन्वय और संतुलन का है तो दूसरा प्रकृति की सभी शक्तियों को अपने अधीन करना चाहता है। एक सत्य का स्वरूप है तो दूसरा सत्य से परे,मगर अंजान नहीं । एक सादा जीवन का गहन अध्ययन हैं तो दूसरा अहंकार का पर्याय । एक अनुशासित है, मर्यादित है,तो दूसरा अनियंत्रित और असीमित हैं । आधुनिक शब्दावली में यदि राम एकात्म मानववाद के प्रतीक हैं तो

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