छापेमारी का दौर....
छापेमारी का दौर.... आए एक बार ,इस ओर! जी हां महसूस कीजिए कि जहां जहां छापेमारी हो रही हैं वहां,करोड़ों मिल रहे हैं।

छापेमारी का दौर.... आए एक बार ,इस ओर!
जी हां महसूस कीजिए कि जहां जहां छापेमारी हो रही हैं वहां,करोड़ों मिल रहे हैं।
फिर एक सर्वे शुरू किया जाएं।
जो गरीब जनता के घर भी छापेमारी अभियान जारी करें।
मालूम होना चाहिए कि करोड़ों वाले इनके हिस्से का निवाला छीन कर भी सुकूं से नहीं खा पाते।
मगर ये कितने कम पैसों में पूरा परिवार पाल लेते हैं????
एक रिपोर्ट संसद में भी पेश होनी चाहिए जब नेताओं को मालूम होना चाहिए कि गांव के सरपंच , विधायक, सांसद जो कभी अपनी जेब में खाली हाथ लिए घूम रहे थे।
वे आज चुनाव जीतते ही, पहली फुरसत में बुलेरों में जुलूस निकालते हैं।
आलीशान बंगलों में रहते हैं!
विकास हो न हो जनता का
अपना विकास होना चाहिए।
पूजा बाथरा
मोटिवेश्नल लेखिका राष्ट्रीय पत्रकार नई दिल्ली
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